Wednesday, 9 July 2014

राधा माधव गुरु सिवा हिरदे कोउ न बसाऊँ।




श्री गुरवे नम: 


राधा माधव गुरु सिवा हिरदे कोउ न बसाऊँ।

ऐसी किरपा हो प्रभु कि राधे राधे गाउँ॥ 

चर्चा इस संसार की मन में ले न हिलोर।

मन चकोर तकता रहे, कृष्ण चन्द्र की ओर॥ 

इस वृन्दावन धाम में, सेवे कृष्ण तो आय।

निज सुख की यदि वासना, होय अनत कहीं जाय॥

कृष्ण भजो न बिसरियो, तुम राधे को नाम।

जिनसे रास कि याचना करें स्वयं घनश्याम॥

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